Monday, August 2, 2010

Fwd: immediately dismiss the absurd vc



---------- Forwarded message ----------
From: avinash das <avinashonly@gmail.com>
Date: 2010/8/2
Subject: immediately dismiss the absurd vc



आदरणीय राष्ट्रपति महोदया,

आप महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की विजिटर हैं और इसी नाते हम यह मांगपत्र आपको प्रेषित कर रहे हैं। इस विश्वविद्यालय के उप कुलपति विभूति नारायण राय ने अपने कुकर्मों से विश्वविद्यालय में किसी भी पद पर बने रहने का हक खो दिया है। हम मांग करते हैं कि उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और उन्हें किसी भी विश्वविद्यालय या शिक्षा संस्थान में नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दिया जाए।

ज्ञानपीठ पत्रिका द्वारा प्रकाशित 'नया ज्ञानोदय' को दिये साक्षात्कार में वीएन राय ने कहा है, 'लेखिकाओं में होड़ लगी है यह साबित करने के लिए कि उनसे बड़ी छिनाल कोई नहीं है।' एक लेखिका की आत्मकथा, जिसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं, का अपमानजनक संदर्भ देते हुए राय कहते हैं, 'मुझे लगता है इधर प्रकाशित एक बहु प्रमोटेड और ओवररेटेड लेखिका की आत्मकथात्मक पुस्तक का शीर्षक 'कितने बिस्तरों पर कितनी बार' हो सकता था।'

उनकी इस अश्लील टिप्पणी से पूरे साहित्यिक और अकादमिक जगत में रोष है और समाज में इसकी व्यापक प्रतिक्रिया हुई है।

विभूति नारायण राय ने इससे पहले अपने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल करुण्यकारा को बाबा साहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर हुए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया था, जिसकी तमाम दलित और लोकतांत्रिक बुद्धिजीवियों ने कड़ी निंदा की थी। विभूति नारायण राय के वीसी रहने के दौरान यह विश्वविद्यालय लगातार गलत कारणो से चर्चा में है और वहां शैक्षणिक माहौल खत्म हो चुका है।

इस वीसी के रहते महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में उचित शैक्षणिक माहौल नहीं बन सकता। उन्हें तत्काल पद से हटाना इसलिए भी अनिवार्य है क्योकि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और अशैक्षणिक पदों पर कई महिलाएं हैं और वहां छात्राएं भी पढ़ती हैं।




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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