Tuesday, March 12, 2013

हमारे प्रिय गिरदा भाभी के साथ!:धर्बे हाथम हाथा नी बडली बाता, ओई करबे करामता, जिन्दा रौली बाता"

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:धर्बे हाथम हाथा नी बडली बाता, ओई करबे करामता, जिन्दा 

रौली बाता"

हमारे प्रिय गिरदा भाभी के साथ!

एक अद्भुत तस्वीर पुराने नैनीताल, खोये हुए पहाड़ की 

स्मृतियों को खंगालती हुई


कितने हिमपात, कितनी बरसात, मालरोड पर कितनी 

चहलकदम, कितनी बहसें, कितने आंदोलन, कितनी हलचल 

का खामोश दर्पण

























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