Wednesday, February 23, 2011

Fwd: [Right to Education] केवल मन के चाहे से ही मनचाही होती नहीं किसी की।...



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From: Lokesh Sharma <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/2/22
Subject: [Right to Education] केवल मन के चाहे से ही मनचाही होती नहीं किसी की।...
To: Palash Biswas <palashbiswaskl@gmail.com>


केवल मन के चाहे से ही  मनचाही होती नहीं किसी की।  बिना चले कब कहाँ हुई है  मंजिल पूरी यहाँ किसी की।।   पर्वत की चोटी छूने को  पर्वत पर चढ़ना पड़ता है।  सागर से मोती लाने को  गोता खाना ही पड़ता है।।   उद्यम किए बिना तो चींटी  भी अपना घर बना न पाती।  उद्यम किए बिना न सिंह को  भी अपना शिकार मिल पाता।।   इच्‍छा पूरी होती तब, जब  उसके साथ जुड़ा हो उद्यम।  प्राप्‍त सफलता करने का है,  'मूल मंत्र' उद्योग परिश्रम।।   जय युवा... जय भारत...
Lokesh Sharma 11:27pm Feb 22
केवल मन के चाहे से ही
मनचाही होती नहीं किसी की।
बिना चले कब कहाँ हुई है
मंजिल पूरी यहाँ किसी की।।

पर्वत की चोटी छूने को
पर्वत पर चढ़ना पड़ता है।
सागर से मोती लाने को
गोता खाना ही पड़ता है।।

उद्यम किए बिना तो चींटी
भी अपना घर बना न पाती।
उद्यम किए बिना न सिंह को
भी अपना शिकार मिल पाता।।

इच्‍छा पूरी होती तब, जब
उसके साथ जुड़ा हो उद्यम।
प्राप्‍त सफलता करने का है,
'मूल मंत्र' उद्योग परिश्रम।।

जय युवा...
जय भारत...

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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