Thursday, April 28, 2011

Fwd: नेरुदा की कविताएं, मूल स्पेनिश से हिंदी में



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2011/4/28
Subject: नेरुदा की कविताएं, मूल स्पेनिश से हिंदी में
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com


पाब्लो नेरुदा का मूल स्पेनिश से अनुवाद करने की पहली कोशिश की है.

जागीरदार

निक्सन, फ्रेई, पिनोशे
आज तक, 1973 के
इस कड़वे सितंबर महीने तक
हमारे इतिहास के भूखे लकड़बग्घों
बोर्दाबेर्री, गार्रास्तासु और बेनसेर के साथ मिलकर
कुतर रहे हैं उन झंडों को
जिन्हें जीता गया
इतने सारे खून और इतनी सारी आग से
अपनी जागीरों में कीचड़ में सने
जनता की संपदा के ये नारकीय लुटेरे
हजार बार बिके हुए ये जागीरदार
और बिचौलिये, न्यूयार्क के भेड़ियों की छोड़ी हुई
डॉलर की भूखी मशीनें
अपने ही लोगों की कुरबानियों के
खून से कलंकित
खुद को बेच दिया है उन्होंने
अमेरिकी रोटी और हवा के लिए
बदनाम जल्लाद
जलील तानाशाहों का गिरोह
जिनका लोगों को यातना देने के सिवा
कोई दूसरा कानून नहीं है
और जनता की भूखी दीमकें
 (15 सितंबर, 1973, चिली)

और भी पढ़ें: http://hashiya.blogspot.com/2011/04/blog-post_28.html

--
Nothing is stable, except instability
Nothing is immovable, except movement. [ Engels, 1853 ]



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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