Tuesday, 28 August 2012 10:47 |
पुष्परंजन हमें आंख मूंद कर यह नहीं मान लेना चाहिए कि 'नैम' के सभी एक सौ बीस सदस्य देश अमेरिका-विरोधी हैं। गौर से देखें तो गुटनिरपेक्ष आंदोलन के कम से पचास सदस्य-देश ऐसे हैं, जो अमेरिका की जी-हुजूरी में लगे रहते हैं। इसलिए नैम के आलोचक बराबर यह सवाल उठाते हैं कि इस संगठन में गुटबाजी करने वाले देशों की घुसपैठ है। इसके बरक्स ईरान के कारण गुटबाजी तेज होगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। एक बड़ा सवाल यह भी है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन में अब भारत की भूमिका क्या होगी? जैसा कि विदेश सचिव रंजन मथाई ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और वहां के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामेनी से 29 अगस्त को मिल रहे हैं। दोनों देशों के बीच शिखर स्तर पर 2001 के बाद की यह पहली बातचीत होगी। यह लगभग तय है कि अफगानिस्तान में ईरान और भारत एक नई भूमिका में आना चाहते हैं। यह भूमिका कूटनीतिक से ज्यादा व्यापारिक है। ईरान के चाह बहार बंदरगाह और उसके गिर्द बनने वाले विशेष व्यावसायिक क्षेत्र से भारत को यही फायदा होगा कि उसे अफगानिस्तान माल भेजने में आसानी होगी, और ईरान में वह अपने पांव पसार सकेगा। मगर भारत यह खुल कर कहने की स्थिति में नहीं है कि चाह बहार बंदरगाह समझौते पर आगे नहीं बढ़ने के लिए अमेरिका ने उस पर कितना दबाव डाल रखा है। कूटनीतिक हलके में पूछा भी गया है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत सूजान राइस, तेहरान गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से पांच दिन पहले नई दिल्ली क्या सिर्फ सीरिया समस्या पर बात करने आई थीं? पाकिस्तान के लिए भी पेचोखम की हालत है कि उसके द्वारा मार्ग अवरुद्घ करने के बावजूद भारत ने ईरान की मदद से अफगानिस्तान माल भेजने का रास्ता ढूंढ़ लिया है। पाकिस्तान बदलती भू-सामरिक स्थिति से कैसे निपटेगा, इस पर इस्लामाबाद में मंथन जारी है। सिस्सतान और बलूचिस्तान प्रांत के जिस इलाके से लगा चाह बहार बंदरगाह है, वहां तालिबान और दूसरे कठोरपंथी समूहों का दबदबा है। पाकिस्तान बाधा पैदा करने के लिए परोक्ष रूप से इन्हें उकसा सकता है, इस जमीनी सचाई को हमें जेहन में रखना होगा। अफगानिस्तान के लिए रणनीति बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तेहरान में उपस्थित होने का मतलब यह भी होना चाहिए कि किस तरह भारत, ईरान में निर्यात बढ़ाए। 2011-12 में भारत ने साढ़े तेरह अरब डॉलर का माल, जिसमें ज्यादातर तेल ही है, ईरान से मंगाया था। लेकिन इसके मुकाबले हम सिर्फ ढाई अरब डॉलर का माल ईरान भेज पाए थे। यह घाटे का सौदा है, और इसे लंबा नहीं चलना चाहिए। सीरिया पर भारत ने अपना आधिकारिक रुख यह बनाए रखा है कि कोफी अन्नान द्वारा रखा छह सूत्री प्रस्ताव सही है, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2042 और 2043 पर हम सहमत हैं। इसे 'नैम' के अधिकतर नेताओं ने भी माना है। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का छह सूत्री प्रस्ताव यह था कि सीरिया में मानवीय मदद करने वाली संस्थाओं को जाने दिया जाए, हिंसा से प्रभावित जनता को तुरंत मदद मिले, हिरासत में लिए लोगों को रिहा किया जाए, राजनीतिक संवाद शुरू हो, विवादित समूहों के दूत साझा रूप से मिलें, और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को सीरिया में जाने दिया जाए। कोफी अन्नान सीरिया-समस्या के हल के लिए संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग की ओर से विशेष दूत बनाए गए थे। लेकिन उनके प्रस्तावों पर जब कोई काम नहीं हुआ, तो अन्नान ने इसी महीने की दो तारीख को यह पद छोड़ने की घोषणा कर दी। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के मंच से इस बार सीरिया समस्या का समाधान हो जाएगा, इस पर तो शक ही है। सीरिया को ईरान अपने चश्मे से देख रहा है। ईरानी विदेशमंत्री सालेही की सुनें तो सीरिया पर उनका प्रस्ताव 'न्यायसंगत और स्वीकारयोग्य' होगा। पर समस्या यह है कि बाईस सदस्यीय अरब लीग का माई-बाप सऊदी अरब यह नहीं चाहेगा कि ईरान सीरिया के मामले में चौधरी बने। सऊदी अरब के कहने पर सीरिया को अरब लीग और मुसलिम देशों के संगठन 'ओआईसी' से निलंबित किया गया था। ईरान अरब लीग में नहीं है। ऐसे में क्या ईरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन के बूते सीरिया का समाधान कर पाएगा? |
Unique
My Blog List
HITS
Tuesday, August 28, 2012
निर्गुट सम्मेलन के बहाने
निर्गुट सम्मेलन के बहाने
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Census 2010
Followers
Blog Archive
-
▼
2012
(5849)
-
▼
August
(225)
- अपने वतन में पराए
- Fwd: [initiative-india] प्रेस नोट: भ्रष्टाचार जांच...
- Fwd: invitation for the programme of Seema Azad an...
- विकास कथा देश पर काबिज प्रोमोटर बिल्डर राज की सही ...
- Growth story breaks down as Dollar linked Indian e...
- Ritwik Ghatak
- Bengali Hindus
- Partition of Bengal (1947)
- SPECIAL MENTION : Problems Faced By Lakhs Of Benga...
- Governor Christie: The Anti-Minority Face Of Repub...
- Romney: Want To Be President? Release Your Tax Ret...
- Fwd: [All India Secular Forum] Modi’s Murderous Mi...
- Fwd: Today's Exclusives - Expense Ratio: Questiona...
- Will brand Biharis 'infiltrators': Raj Thackeray
- Naroda Patiya riots: BJP MLA Maya Kodnani sentence...
- अमेरिका की ओर से मध्यस्थ बने हैं मनमोहन, ईरान को म...
- Indian Politics: Power Play with Corporate Money
- I will prefer death than acquire land forcibly: Ma...
- India needs a formal refugee policy
- Noakhali genocide
- Hindu Genocide in East Bengal ’71
- Bengal’s sorrow A.G. NOORANI In Bengal, Partition ...
- Noakhali Hindu Killing 1946 East Bengal, India
- Partition Experiences of the East Bengali Refugee ...
- Protect rights of Bengalis from Bangladesh: CPI(M)
- 1950 East Pakistan genocide
- 1947-49 : THE PUSH BEGINS, GENTLY by Tathagat Roy
- PUSH COMES TO SHOVE : THE KILLINGS OF 1950, AND TH...
- एक अलग तरह की हिंसा, मुसलमानों का निशाना हिंदू नही...
- If Manmohan Singh being Pakistani refugee can beco...
- My Story Published in Kathabimb, April, 2012
- सांप्रदायिक हिंसा: असम की कत्लगाहें और भी... http:...
- पाकिस्तान से आए हिंदुओं के साथ होगी रियायत
- उत्तराखंड में फिर ठगे गए हिंदू शरणार्थी और भी... h...
- हम अब उत्पादक नहीं, सिर्फ उपभोक्ता हैं। मस्तिष्क...
- Land acquisition bill has been held up, not becaus...
- क्या हम हिंदू बंगाली शरणार्थियों को गले नहीं लगाएं...
- नाजुक मौकों पर नाकाम सियासत रामचन्द्र गुहा, प्रसिद...
- शरणार्थी समस्या पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और हिंदू बंग...
- Riot with Many Contrasts Ram Puniyani
- क्या यही स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की नियति है?
- फिल्में बनाता हूं और मुकदमें लड़ता हूं
- निर्गुट सम्मेलन के बहाने
- हंगल का निधन: इतना ‘सन्नाटा’ क्यों है, भाई
- उदासी में उत्तरकाशी
- अमिताभों-अभिषेकों के बॉलीवुड में चिटगांव एक प्रतिर...
- खदान एवं खनिज (नियमन एवं विकास) विधेयक 2011 संसद म...
- Lost confidence sought!Blind run on corporate grow...
- Presidential Primaries A Fraud By The Rich & Power...
- Fwd: “NATIONAL CONVENTION OF RURAL PEOPLE” on 28 A...
- Fwd: Engdahl: Obama's Geopolitical China 'Pivot' -...
- Fwd: Today's Exclusives - Election Games: Biting t...
- Mining group Vedanta Resources paid USD 5.69 milli...
- क्या स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की यही नियति ह...
- `इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि ये विस्थापित, जो...
- राजनीति के खेल में आम आदमी का बेड़ा गर्क हो रहा है...
- Congressional Elections Are Fixed In America
- The central government is all set to pass Border S...
- कोयले की कालिख ऐसे नहीं धुलने वाली!
- Fwd: Madhyam Papers
- Naya Path
- Fwd: Newsletter: Assam faces worst ever floods in ...
- Fwd: Today's Exclusives - Stock Manipulation
- Fwd: कमरौ सामानौ दगड़ छ्वीं
- Fwd: Today's Exclusives - Biting the bullet ballot I
- Fwd: Press Release: Day 3: Jan Morcha @ Jantar Man...
- Fwd: [গুরুচন্ডা৯ guruchandali] একটি প্রায় বিস্মৃত...
- Fwd: Eric Draitser: America's Long-standing Campai...
- Fwd: (हस्तक्षेप.कॉम) कोयले की कालिख का रिकॉर्ड उजा...
- बैंक हड़ताल के मध्य ही बीमा और पेंशन में प्रत्यक्ष...
- Fwd: US Economic Policies a recipe to kill INDIA'S...
- Decks clear for FDI in key sectors despite Mamata`...
- कैंसर के इलाज की कीमत दो लाख रुपये हर महीने!जिसके ...
- Fwd: (हस्तक्षेप.कॉम) दोनो ही देशो में अल्पसंख्यक प...
- Open Market Economy Kills opportunities in Trade a...
- Assam Riots: Musings over a Troubled Homeland
- Fwd: Today's Exclusives - Can Chidambaram play Kin...
- Fwd: [initiative-india] Janmorcha against proposed...
- Fwd: [New post] ब्रह्मांड की रचना और हिग्स बोसॉन य...
- Fwd: [Please vote Lenin Raghuvanshi as reconciliat...
- Fwd: [গুরুচন্ডা৯ guruchandali] পার্টির গপ্পো
- Fwd: [All India Secular Forum] BT Cotton child lab...
- Fwd: Today's Exclusives - MLMs now want to 'invest...
- शोरशराबे की संसदीय कार्यवाही में न बैंक हड़ताल की ...
- दूसरे चरण के आर्थिक सुधारों के लिए जरूरी है कि पूर...
- फिर इस याचिका की आड़ में क्यों केवल अनुसूचित जाति ...
- बाजार के सिवाय अर्थ व्यवस्था में बचता क्या है?कुछ ...
- Assam: Control over land key reason for clash betw...
- Aviation boom: New entrepreneurs betting big on sm...
- Fwd: आमंत्रण डाॅक्यूमेंटरी फिल्म ‘जय भीम कामरेड’ क...
- Fwd: Paul Craig Roberts: Is Washington Deaf As Wel...
- Fwd: [initiative-india] In Wake of CAG Report PM m...
- वित्त मंत्री का टोटका, विदेशी पूंजी से होगा हर समस...
- Scam Proof Black Money Hegemony bailed out Suresh ...
- Fwd: [Marxistindia] CAG Reports on UMPP & PPP for ...
- कोयला महाकाव्य के नायक भी हर महाकाव्य की तरह मर्या...
- Fwd: [New post] बहुगुणा की जीत या नैतिकता की हार
- Fwd: [Marxistindia] Coal Scam
- Fwd: Peter Phillips & Kimberly Soeiro: The Global ...
- [initiative-india] Aug 21-23, Janmorcha in Delhi i...
-
▼
August
(225)
No comments:
Post a Comment