Thursday, March 14, 2013

आरएसएस ने विवेकानंद को संकीर्ण दायरे में बांधने की कोशिश की: अच्युतानंदन

आरएसएस ने विवेकानंद को संकीर्ण दायरे में बांधने की कोशिश की: अच्युतानंदन

Thursday, 14 March 2013 18:10

तिरुवनंतपुरम । माकपा के वरिष्ठ नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी एस अच्युतानंदन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ :आरएसएस: पर निशाना साधते हुए स्वामी विवेकानंद को 'हिंदुत्व के पथप्रदर्शक' की तरह पेश करने के उसके प्रयासों की आलोचना की। आरएसएस के सांस्कृतिक मंच भारतीय विचार केंद्रम :बीवीके: द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कल शाम उन्होंने कहा असल में, विवेकानंद ने हिंदू धर्म के शोषक जातिवादी व्यवस्था की कटु आलोचना की।
वह 'स्वामी विवेकानंद एंड केरल' किताब के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। बहरहाल, समग्र खंड लाने के लिए बीवीके और उसके निदेशक तथा संघ विचारक पी परमेश्वरन की सराहना भी की।

माकपा नेता ने कहा, ''संघ परिवार ने विवेकानंद को हमेशा संकीर्ण दायरे में बांधने की कोशिश की। उन्नका कहना है कि वह हिंदुत्व के आचार्य हैं। निश्चित तौर पर, उन्होंने हिंदू धर्म की एकता और उसमें सुधार के लिए काम किया। लेकिन, उनकी महानता यह थी कि उन्होंने हिंदू धर्म की शोषक जाति व्यवस्था और नकारात्मक आदर्शवाद को भी आड़े हाथों लिया।'' 

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