Sunday, May 5, 2013

धारा 370 हटाने की माँग साम्राज्यवादियों की गहरी साजिश है

धारा 370 हटाने की माँग साम्राज्यवादियों की गहरी साजिश है


धारा 370 है 'भारतीय एकता व अक्षुणता' को बनाये रखने की गारन्टी और इसे हटाने की माँग है-साम्राज्यवादियों की गहरी साजिश।

विजयराज बली माथुर

वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह ने भारत-चीन सम्बंधों पर अपने लेख में महत्वपूर्ण बात कही है कि भारत से किसी तरह की दुश्मनी चीन के लिये भी घातक हो सकती है इसलिये लद्दाख में उसकी कारस्तानी को समझने के लिये और कुछ और पक्षों पर नज़र डालना होगा। … चीनी सेना ने जिस इलाके में घुसपैठ की है वहाँ कोई आबादी तो नहीं है लेकिन इस बात की भी चर्चा है कि उस क्षेत्र में भूगर्भ वैज्ञानिकों ने यूरेनियम होने के संकेत दिये हैं। अगर ऐसा है तो दोनों ही देशों के लिये इस क्षेत्र का महत्व बहुत बढ़ जाता है कि क्योंकि परमाणु ऊर्जा और परमाणु हथियारों के लिये यूरेनियम की ज़रूरत पड़ती ही रहती है। यह बात अभी पक्के तौर पर नहीं मालूम है लेकिन अगर चर्चा है तो धीरे धीरे सब कुछ साफ़ हो जाएगा।

यह निष्कर्ष बिल्कुल सटीक है कि,'यूरेनियम' की खातिर ही चीन, अमेरिका, रूस, सभी की दिलचस्पी 'जम्मू और काश्मीर' में है और यही इस समस्या का कारण है। काश्मीरी जनता यूरेनियम की हकीकत को अच्छी तरह जानती है और 1981 मे मैंने 'कारगिल'वासियों से ज्ञात इस जानकारी का उल्लेख इस प्रकार किया था–

तमाम राजनीतिक विरोध के बावजूद इन्दिरा जी की इस बात के लिये तो प्रशंसा करनी ही पड़ेगी कि उन्होंने अपार राष्ट्र-भक्ति के कारण कनाडाई, जर्मन या किसी भी विदेशी कम्पनी को वह मलवा देने से इनकार कर दिया क्योंकि उसमें 'प्लेटिनम'की प्रचुरता है। सभी जानते हैं कि प्लेटिनम स्वर्ण से भी महँगी धातु है और इसका प्रयोग यूरेनियम निर्माण में भी होता है। कश्मीर के केसर से भी ज्यादा मूल्यवान है यह प्लेटिनम। सम्पूर्ण द्रास क्षेत्र प्लेटिनम का अपार भण्डार है। अगर सम्विधान में सरदार पटेल और रफ़ी अहमद किदवई ने धारा '370′ न रखवायी होती तो कब का यह प्लेटिनम विदेशियों के हाथ पड़ चुका होता क्योंकि लालच आदि के वशीभूत होकर लोग भूमि बेच डालते और हमारे देश को अपार क्षति पहुँचाते।

विजयराज बली माथुर

विजय राजबली माथुर, लेखक स्वतन्त्र टिप्पणीकार हैं।

धारा 370 को हटाने का आन्दोलन चलाने वाले भी छः वर्ष सत्ता में रह लिये परन्तु इतना बड़ा देश-द्रोह करने का साहस नहीं कर सके, क्योंकि उनके समर्थक दल सरकार गिरा देते, फिर नेशनल कॉन्फ्रेन्स भी उनके साथ थी जिसके नेता शेख अब्दुल्ला साहब ने ही तो महाराजा हरी सिंह के षड़यन्त्र का भण्डाफोड़ करके काश्मीर को भारत में मिलाने पर मजबूर किया था।

तो समझिये जनाब कि धारा 370 है 'भारतीय एकता व अक्षुणताको बनाये रखने की गारन्टी और इसे हटाने की माँग है-साम्राज्यवादियों की गहरी साजिश। और यही वजह है काश्मीर समस्या की। साम्राज्यवादी शक्तियाँ नहीं चाहतीं कि भारत अपने इस खनिज भण्डार का खुद प्रयोग कर सके इसी लिये पाकिस्तान के माध्यम से विवाद खड़ा कराया गया है। इसी लिये इसी क्षेत्र में चीन की भी दिलचस्पी है। इसी लिये ब्रिटिश साम्राज्यवाद की रक्षा हेतु गठित आरएसएस उनके स्वर को मुखरित करने हेतु 'धारा 370′ हटाने का राग अलापता रहता है। इस राग को साम्प्रदायिक रंगत में पेश किया जाता है। साम्प्रदायिकता साम्राज्यवाद की ही सहोदरी है।

यह हमारे देश की जनता का परम -पुनीत कर्तव्य है कि भविष्य में कभी भी आरएसएस प्रभावित सरकार न बन सके इसका पूर्ण ख्याल रखें अन्यथा देश से काश्मीर टूट कर अलग हो जाएगा, जो भारत का मस्तक है।

http://hastakshep.com/intervention-hastakshep/issue/2013/05/05/demand-of-removal-of-section-370-is-imperialist-conspiracy#.UYY_fKIhonU

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