Monday, July 1, 2013

उत्तराखंड: नदियों के किनारे अब बसावट नहीं

उत्तराखंड: नदियों के किनारे अब बसावट नहीं


पीटीआई ।। देहरादून, नई दिल्ली
उत्तराखंड में नदी 
किनारे किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन करने पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इस पर निगाह रखने के लिए रेग्युलेटरी बॉडी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने बारिश से तबाह इलाकों को बसाने के लिए अलग अथॉरिटी बनाने और राज्य के पीड़ितों के लिए कई राहतों का भी ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनने वाली 'उत्तराखंड रिहैबिलिटेशन ऐंड रिकंस्ट्रक्शन अथॉरिटी' का काम अगले 100 बरसों की चुनौतियों के लिए राज्य को तैयार करना भी होगा। कहा गया है कि यह अथॉरिटी राज्य, केंद्र व अन्य जगहों से मिलने वाले फंड के इस्तेमाल में पारदर्शिता बनाए रखेगी। उधर, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि उत्तराखंड के पुनर्निमाण के लिए सरकार वर्ल्ड बैंक और एशियन डिवेलपमेंट बैंक से भी मदद मांगेगी। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के मुताबिक, इनसे करीब 3,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री राहत कोष से हर मृतक के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की।

कुछ प्रमुख घोषणाएं:-
खोखों और ढाबा मालिकों को 50 हजार से 1 लाख और पूरी तरह नष्ट होटलों के मालिकों को 2-2 लाख रुपये।
कमर्शल यूनिटों में 2-10 लाख रुपये के नुकसान पर 30 पर्सेंट, 10-20 लाख पर 20 और 20 लाख से ज्यादा के नुकसान पर 10 पर्सेंट मुआवजा।
मकान पूरी तरह नष्ट होने पर प्रधानमंत्री राहत कोष से 1 लाख और टूटने पर 50 हजार रुपये।
को-ऑपरेटिव व सरकारी बैंकों के लोन चुकाने से एक साल की छूट।
प्रभावित परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन।
इंटरमीडिएट तक हर स्टूडेंट को 500 रुपये और पॉलिटेक्निक और डिग्री के स्टूडेंट्स को 1000 रुपये मुआवजा।

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