Monday, July 15, 2013

चपेट में लामबगड़

चपेट में लामबगड़

uttarakhand-flood-lambagadजनदेश स्वैच्छिक संगठन कल्प क्षेत्र उर्गम (भर्की) द्वारा अतिवृष्टि एवं आपदा क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों से बातचीत की। वहाँ खाद्य सामग्री, त्रिपाल, टार्च, सोलर लाइटेन, ईधन, कपड़े की आवश्यकता है। अधिकतर गाँवों में खाद्य सामग्री नहीं है। जिन घरों में खाद्य सामग्री समाप्त हो गयी है वे ग्रामीण बाजार की ओर रुख कर रहे हैं। किन्तु गोविन्द घाट, पाण्डुकेश्वर, लामबगड़, भ्यूडार, सलना, ल्यांरी, थैणा, बड़गिण्ड़ा, देवग्राम, गीरा, बाँसा, पल्ला, जखोला, कलगोठ, किमाणा, डुमक, भर्की, भेंटा, पिलखी, ग्वाणा, अरोसी, थैग क्षेत्र में मूलभूत आवश्यकताओं का अभाव हो गया है। अधिकांश गाँवों में खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं है जिससे लोगों में ड़र का माहौल बना हुआ है। उर्गम क्षेत्र मे 2 कि.मी. से अधिक मोटर मार्ग पूर्ण रूप से बह गया है। 4 पुल हेलंग से अरोसी जोड़ने वाला तथा सलना से पिलखी जोड़ने वाला खबाला पुल व भर्की को जोड़ने वाला कल्प गंगा पर बना कल्पेश्वर का पुल बह गया है। सुन्दर वन में निर्माणाधीन पुल, हेलंग उर्गम मोटर मार्ग पर आमणा उड़यार के पास 200 मीटर सड़क नदी में समा गयी तथा पूरी सडक 2 से 3 कि.मी. पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त एवं देवग्राम के डड़ोली तोक में रहने वाली श्रीमती रंजना देवी का मकान कल्प गंगा के तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। जनदेश एवं कल्प क्षेत्र विकास आन्दोलन, ग्राम पंचायत उर्गम के लोगों के द्वारा 35 कि.मी. बुग्यालों में आपदा से मृतक 8 लोगों की लाशों को ढूँढने में मदद की गयी और 3 लोगों का अन्तिम संस्कार किया गया जिसमें जगदीश सिंह पुत्र शंकर सिंह, देवेन्द्र सिंह पुत्र गब्बर सिंह, विनोद सिंह पुत्र मंगल सिंह। उर्गम क्षेत्र में 700 से अधिक परिवार निवास करते है। खाद्यान्न आपूर्ति यदि सुनिश्चित नहीं की जाती है तो लोगों की भूख से मौत हो सकती है।

15 से 17 जून 2013 तक हुई तबाही में अलकनन्दा नदी के किनारे लामबगड़ से पाण्डुकेश्वर, गोविन्द घाट तक के लोग बहुत प्रभावित हुए हैं। हजारों नाली कृषि भूमि एवं 7 आवासीय भवन, 14 गेस्ट हाऊस, 6 सरकारी भवन, 2 अर्द्धसरकारी भवन, 18 परिवारों की दुकानें, 7 टैक्सी तथा दुपहिया वाहन, 1 आटा चक्की, 8 पार्किग, ओम विद्या मन्दिर एवं 10 साधुओं की कुटियायें, पटवारी चौकी एवं पशुपालन केन्द्र अनूप भण्ड़ारी एवं कल्याण भण्ड़ारी की गौशाला, हेमन्त राणा तथा जगदीश लाल का आवासीय भवन पाण्डुकेश्वर, जुनियर हाई स्कूल व पोस्ट आफिस लामबगड़ समेत पुलना गाँव पूर्ण रूप से बह गया।

पाण्डुकेश्वर में बाजार के 15 भवन पानी की चपेट में आये हैं। लामबगड़ में जे. पी. ग्रुप का विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना के डाईवर्जन टूटने के कारण यह तबाही हुयी है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि समय पर कम्पनी द्वारा पानी को छोड़ दिया जाता तो लामबगड़ एवं पाण्डुकेश्वर की तबाही को रोक जा सकता था। जनदेश की टीम के सदस्य हरीश परमार, राजेन्द्र रावत, बी.एस. रावत, रघुवीर चौहान आदि इस कार्य में शामिल थे।

जनदेश एवं कासा नई दिल्ली, एक्शनएड़ लखनऊ के द्वारा क्षेत्र में राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय स्तर पर जोशीमठ के दुकानदार, पूजा गारमेन्टस, बालाजी गारमेन्टस द्वारा भी प्रभावितों को कपडे व अन्य सामग्री जनदेश के माध्यम से वितरण किया गया। इस कार्य में जनदेश की हेमा पँवार, संगीता, कलावती, रघुबीर नेगी, बहादुर सिंह, वीरेन्द्र आदि शामिल थे।

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Census 2010

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors