चुटका परमाणु परियोजना और परमाणु उर्जा के विरोध में संयुक्त धरना
लोकेश मालती प्रकाश
भोपाल। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में प्रस्तावित चुटका परमाणु परियोजना और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के खिलाफ अनेक जन-संगठनों, राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों ने भोपाल में शनिवार को धरना दिया और जन-जागरण के लिए आम सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की कांग्रेस और राज्य की भाजपा सरकारें साथ मिलकर विनाशकारी परमाणु ऊर्जा को जबरदस्ती जनता के ऊपर थोप रहीं हैं, यह साफ जाहिर है कि इन्हें प्रदेश की आम जनता और पर्यावरण से कोई सरोकार नहीं है। चुटका परमाणु संयंत्र से निकला खतरनाक विकिरण पूरी नर्मदा नदी को तो तबाह करेगा ही साथ ही इसके किनारे बसे शहरों, कस्बों व गांवों को भी नुकसान पहुँचाएगा क्योंकि मछली-पालन से लेकर पीने के पानी तक के लिए लोग इस नदी पर निर्भर करते हैं। परमाणु संयंत्र से निकले विकिरण से पूरी नर्मदा घाटी में कैंसर, अपंगताजैसी खतरनाक बीमारियाँ फैलेंगी। सरकार का यह दावा कि परमाणु ऊर्जा सुरक्षित या सस्ती है सरासर झूठ है। यह दूसरे ऊर्जा स्रोतों से महँगी और कहीं ज्यादा खतरनाक है। परमाणु संयंत्रों से निकले कचरे को सुरक्षित तरीके से खत्म करने का कोई तरीका नहीं है। यह विकिरणयुक्त कचरा लाखों सालों तक आने वाली सैंकड़ो पीढ़ियों के लिए खतरा बना रहेगा। इतने खतरों और जनता के जबरदस्त विरोध के बावजूद परमाणु ऊर्जा को लोगों पर थोपने का एकमात्र उद्देश्य अमेरिका और युरोप की परमाणु ऊर्जा से जुड़ी कंपनियों के मुनाफे को बचाना और बढ़ाना है।
वक्ताओं ने बताया कि 24 मई को चुटका परमाणु परियोजना के लिए होने वाली जन-सुनवाई के खिलाफ विरोध को देखते हुए उसे स्थगित करने के बाद सरकार ने 31 जुलाई कोमानेगांव (चुटका से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव) में जन-सुनवाई की घोषणा कर दी है। इस बार सरकार ने बड़ी धूर्तता से चाल चलते हुए जन-सुनवाई को दूर की जगह पर तय किया है ताकि गरीब आदिवासी जनता वहाँ अधिक संख्या में पहुँच ही न पाए। सभी संगठनों ने यह स्पष्ट निश्चय जाहिर किया कि अगर सरकार जनता के खिलाफ अपनी मनमानी पर अड़ी है तो जनता के हौसले भी कम नही हुए हैं। इस बार भी इस झूठी सुनवाई का जबरदस्त विरोध जनता करेगी और सरकार को पीछे हटना पड़ेगा।
धरने में शामिल सभी संगठनों ने सरकार से माँग की है कि – 1. चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना सहित अन्य सभी प्रस्तावित परियोजनाओं को तत्काल रद्द किया जाए; 2. भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए और सभी परमाणु संयंत्रों को बंद कर सुरक्षित तरीके से हटाया जाए; 3. युरेनियम खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए; 4. परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम से संबंधित हर जानकारी को सार्वजनिक किया जाए; 5. वर्तमान ऊर्जा उत्पादन के अनावश्यक व विलासितापूर्ण उपभोग पर रोक लगाई जाए और ऊर्जा के समतामूलक वितरण व उपयोग की व्यवस्था की जाए; और 6. प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा विकल्पों को बिना किसी भी तरह की मुनाफाखोरी या व्यवसायीकरण के जन-भागीदारीपूर्ण तरीकों से विकसित किया जाए।
धरने का आयोजन चुटका परमाणु संघर्ष समीति; गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (म.प्र.); जन संघर्ष मोर्चा (म.प्र.); भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (म.प्र.); भारत की कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी-लेनिनवादी (म.प्र.); पीपल्स इनिशियेटिव अगेंस्ट न्युक्लियर पावर; ऑल इण्डिया स्टुडेंट्स फेडेरेशन (म.प्र.); क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा (म.प्र.); अखिल भारतीय क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन (म.प्र.); गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन, भोपाल; मध्य प्रदेश महिला मंच; शिक्षा अधिकार मंच, भोपाल; वुमेन अगेंस्ट सेक्शुअल वॉयलेंस एंड स्टेट रिप्रेशन (म.प्र.) ने मिलकर किया।
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