Sunday, July 14, 2013

"हिमालय" की दगड़ी नी करा छेड़खानी ।रोपला जु डालि त रुकलु माटु अर पाणी । पहाड़ के लोगोँ के इस जज्बे को सलाम "पहाड़ के लोगोँ की पहाड़ जैसी जिन्दगी" पहाड़ टूटता है पर झुकता नही ..आपदा मेँ जब टूट गये सारे सम्पर्कमार्ग तब भी तार और रस्सी पर जीवन की डोर खीँच रही है ,... — with चन्द्रशेखर करगेती and 47 others

पहाड़ के लोगोँ के इस जज्बे को सलाम "पहाड़ के लोगोँ की पहाड़ जैसी जिन्दगी" पहाड़ टूटता है पर झुकता नही ..आपदा मेँ जब टूट गये सारे सम्पर्कमार्ग तब भी तार और रस्सी पर जीवन की डोर खीँच रही है ,... — with चन्द्रशेखर करगेती and 47 others



Follow · July 3 

"हिमालय" की दगड़ी नी करा छेड़खानी ।रोपला जु डालि त रुकलु माटु अर पाणी ।।सरहद कु रखवालु छः ..यु देँदु सबि धाणि । बर्फ कु छः भण्डार अर सुन्दरता छ अपार।।सड़क्योँ कु जाल अर कंक्रीट कु जंगल जब ये पर बणायी । छलनी करि येकि जुकुड़ी पर घौ बणायी ।। इन करदु तब कै दया नि आयी ।। दर्द जब हिमालै तैँ सह्ये नि ग्यायि ।टुटिक हिमालै तब कहर बणी आयि । कुड़ि पुँगड़ि अर मनख्योँ तैँ अपड़ी गैल ल्ये ग्यायी ।।कुछ लोगु न बोली प्रकृति की मार ..। त कैन बोलि धारी देवी नाराज ह्वे ग्यायी । जाँकि वजह सी ये दैवीय आपदा आयि ।। पर सवाल सबि पुछणा छन कि गलति कैकि छायि ।। copyright @.p.bijalwan. हिमालै पर यीँ गढवाली कविता म मैन हिमालय कु दर्द बतायी ।। आपका विचारोँ कु स्वागत छः हिमालै पर.., ।।
 — with Khilanand Bijalwan,Govind BijalwanLakhi Ram Bijalwan and 52 others.



Follow · July 2 

गजा.,.टिहरी जिले का एक सुन्दर हिल स्पॉट ।बाँज बुराँश के जंगलो से घिरा है जहाँ से घंटाकर्ण सिद्धपीठ महज़ 5 KM की दूरी पर उपर स्थित है ।यहाँ पर गो.ब. पन्त कृषि विश्वविधालय का शोध फार्म और उपतहसील भी है ।प्रकृति की असीम सुन्दरता है यहाँ पर ।।
 — with घुघूती बासुतीAmit DangwalAmit Semalty and 31 others.

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