Thursday, August 22, 2013

बागी बसमालिकों के खिलाफ मदन मित्र का रामवाण।सड़क से हटीं बसों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु।


बागी बसमालिकों के खिलाफ मदन मित्र का रामवाण।सड़क से हटीं बसों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु।


स्कूल बसों की भी अनिश्चितकालीन हड़ताल टली लेकिन पूल कारों के खिलाफ अभियान नहीं


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

रुपये की गिरावट बेलगाम है। एक डालर के मुकाबले रुपया सत्तर तक गिर सकता है,ऐसे पूरे आसार हैं। ऐसे में किश्त दर किश्त तेल की कीमतों में लगातार इजापा तय है। लेकिन बंगाल में परिवहन संकट जस का तस है।हड़ताल फिलहाल टल गयी है।अगर हड़ताल हुई तो सरकारी बसें सड़कों पर होंगी,परिवहन मंत्री ने यह समाधान निकाला है।दूसरी ओर बढ़ती हुई लागत की वजह से  सड़कों से हटायी गयी बसों के अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरु हो गयी।स्कूल बसों की बेमियादी हड़ताल टालने के लिए पूल कारों के खिलाफ जो अभियान चलाने का अभियान था,वह भी शुरु नहीं हो सका है। परिवहन मंत्री कह रहे हैं कि दिन में जो बसें स्कूल बस बतौर चलती है,साम ढलते ही वे समारोह के लिए रिजर्व हो जाती है। दैनिक यात्री बस हड़ताल टलते रहने की उम्मीद में ही जी रहे हैं ,जबकि हड़ताल कभी भी हो सकती है।


अब हालत यह है कि लागत बढ़ने केकारण बस मालिकों ने न सिर्फ बसें सड़कों से हटा दी हैं बल्कि जवाहरलाल नेहरु शहरी विकास योजना के तहत कर्ज में मिली अपनी अनेक बसों की किश्तों का भुगतान बंद कर दिया है।लंबे समय से यह सिलसिला चल रहा है।परिवहन मंत्रालय ने अब इन बसों के अधिग्रहण का फैसला किया है।


परिवहन मंत्री मदन मित्र ने ऐलान किया है कि सरकार खुद इन बसों को चलायेगी।हड़ताल की धमकी दे रहे बसमालिक के लिए परिवहन मंत्री ने अपने तरकश से यह रामवाण निकाला है।


गौरतलब है कि पहली अगस्त,2008 को पंद्रह साल से ज्यादा पुरानी वाणिज्यिक गाड़ियां हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक सड़कों से हटा ली गयीं।इस वजह से सड़कों से व्यापक पैमाने पर बसें गायब हो गयीं।इस संकट के समाधान वास्ते जवाहर लाल नेहरु शहरी विकास योजना के तहत बस मालिकों को नयी बसें खरीदने के लिए कर्ज दिया गया।ऐसी बसें 19 लाख 85 हजार की दर पर दी गयी। केंद्र ने 35 फीसद रकम का भुगतान किया और राज्य ने 15 फीसद रकम दी। बाकी रकम बस मालिकों को आठ किश्तों में चुकाना था। बैंकों की गारंटर बनकर बस मालिकों को राज्य सरकार ने यह रकम भी दे दी।बस मालिकों को अब 22 हजार मासिक किश्त के भुगतान के जरिये यह कर्ज चुकाना था। लागत बढ़ने के बहाने ज्यादातर बस मालेक सड़कों से िन बसों को हटाकर किश्तों का भुगतान रोक दिया है। अब सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।


नहीं बढ़ेगा बस भाड़ा,हड़ताल हुई तो रास्ते पर होंगी सरकारी बसें!जाहिर है कि सभी तरह के एहतियाती इंतजामात करके मां माटी मानुष की सरकार ने 19 और 20 अगस्त को बस हड़ताल को टाल दिया।परिवहन मंत्री मदन मित्र के साथ बस मालिकों की बैठक के बाद भी समस्या सुलझी नहीं है जबकि तेल कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला रुका नहीं।लेकिन हड़ताल के ैन पहले बस मालिकों के साथ दुबारा हुई बैठक में परिवहन मंत्री के वायदे पर भरोसा करके बस मालिक हड़ताल टालने को राजी हो गये। इसके बावजूद अब भी  सरकार परिवहन समस्या और बसों को सड़कों पर उतारने के खर्च पर बस मालिकों की कोई दलील सुनने को तैयार नहीं है।अब कोई चमत्कार न हुआ तो 19 और 20 को हड़ताल नहीं हुई तो क्या,कभी भी आपको घर से कार्यस्थल और कार्यस्थल से वापस घर पहुंचने के लिए नरकभोग करना ही होगा।टैक्सियों और आटो,यहां तक कि रिक्शावालों के लिए अच्छी कमाई के आसार हैं।हालांकि परवहन मंत्री मदन मित्र ने जनता को भरोसा दिया है कि परिवहन हड़ताल से निपटने के लिए चाकचौबंद इंतजाम है।


परिवहन मंत्री ने राइटर्स में संवाददाताओं के मुखातिब होकर पहले ही कह दिया है कि सरकार किसी भी तरह के दबाव में नहीं आयेगी और बस भाड़ा बढ़ाने का तो सवाल ही नहीं उठता।उन्होंने दावा किया कि बस मालिक न मानें और हड़ताल हुई तो बसें सर्वत्र चलेंगी और आम जन जीवन सामान्य रहेगा।किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी।



बस मालिकों के अलावा स्कूल बस मालिकों के संगठन वेस्टबेंगल कट्राक्टकैरेज ओनर्स एंड आपरेटर्स एसोसिएशन ने भी  अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी थी। हालांकि वे भाड़ा बढ़ाने की मांग नहीं कर रहे हैं। उनका आरोप है कि थोक पैमाने पर गैरकानूनी पूलकार का असुरक्षित कारोबार बेलगाम जारी है और परिवहन मंत्री के दरबार में लगातार शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती।पूल कारों के खिलाप तुरंत अभियान शुरु करने के परिवहन मंत्री के आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई।बहरहाल स्कूल बसों की हड़ताल भी टाल दी गयी।


परिवहन मंत्री ने उलटे फतवा दे दिया है कि ज्यादातर स्कूलबसें गैरकानूनी है।यानी पूलकार पर अंकुश लगाने का उनका कोई इरादा है ही नहीं।जाहिर है ,यह उलझन स्कूली बच्चों के लिए भारी मुसीबत पैदा करने वाली हैं।अब अभिभावकों का सरदर्द यह है कि पूजा बाजार के मध्य आधा महीना बीत जाने के बाद वे अपने बच्चों के स्कूल आने जाने का क्या वैकल्पिक बंदोबस्त करें।



परिवहन मंत्री का वायदा है कि अगर हड़ताल हुई तो रात से ही परिवहन कर्मियों की ड्यूटी लग जायेंगी और सारे निगमों की सभी बसें सड़क पर उतर जायेंगी।







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