Wednesday, August 7, 2013

पुराना खेल चालू,योग्य उम्मीदवार नहीं मिले रहे और इसीलिए दस हजार पदों पर नियुक्तियां नहीं!

पुराना खेल चालू,योग्य उम्मीदवार नहीं मिले रहे और इसीलिए दस हजार पदों पर नियुक्तियां नहीं!


रिक्त पदों में से साठ फीसद अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। हालत तो यह है कि सिर्फ गणित शिक्षके के ढाई हजार पद खाली हैं।जीवविज्ञान, भौतिकी, रसायन,

अर्थशास्त्र और सांख्यिकी के लिए भी योग्यप्रत्याशी नहीं मिलरहे हैं।र्वशिक्षा के लिए शिक्षकों की अनिवार्य नियुक्तिका मामला भी फिलहाल खटाई में है।



एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

बंगाल में पिर वही पुराना खेल चालू है।शिक्षित युवा करोड़ों की तादाद में एक अदद नौकरी के लिए सड़कों की धूल फांक रहे हैं।मारामारी करके परीक्षाओं में बैठकर पास भी कर रहे हैं।लेकिन बड़े बड़े वायदों के बावजूद नियुक्ति के वक्त उन्हें तोक दरों पर अयोग्य ठहराया जा रहा है।वे इसके खिलाफ कुछ कहने की भी हालत में नहीं है।ऎआधिकारिक जानकारी के मुताबिक स्कूल सर्विस कमीशन के दस हजार पद खाली रह गये हैं क्योंकि योग्य प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं।


रिक्त पदों में से साठ फीसद अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। कमीशन के चेयरमैन ने भी माना कि आरक्षितपदों के लिए योग्य प्रत्याशी मिल ही नहीं रहे हैं।शिक्षा मंत्री का दावा है कि भ्रष्ट वाम नीतियों की वजह से ही योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं।हालांकि उन्होंने पूजा से पहले नियुक्तियों का वायदा किया हुआ है।इसीके साथ शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा है कि स्कूल सर्विस कमीशन की अगली परीक्षा के लिए पूजा से पहले विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जायेगा।

हालत तो यह है कि सिर्फ गणित शिक्षके के ढाई हजार पद खाली हैं।जीवविज्ञान, भौतिकी,रसायन,अर्थशास्त्र और सांख्यिकी के लिए भी योग्यप्रत्याशी नहीं मिलरहे हैं।सर्वशिक्षा के लिए शिक्षकों की अनिवार्य नियुक्तिका मामला भी फिलहाल खटाई में है।




खबर तो यह है कि स्कूल शिक्षकों के पदों पर पचास हजार नियुक्तियों की घोषणा हुई थी।परिवर्तन राज में मां माटी मानुष सरकार में आस्था रखते हुए युवाओं में भारी जोश भर गया।परीक्षा में बैछकर वे पास भी हो गये। लेकिन अब सिर्फ तीस हजार पदों पर नियुक्तियां हुीईं ौर कहा जा रहा है कि दस हजार पद खाली रह गये क्योंकि स्कूल सर्विस कमीशन के मुताबिक इस राज्य में योग्य प्रत्याशियों का अकाल है।



मंगलवार को स्कूल सर्विस कमीशन का नतीजा परीक्षा के साल भर बाद प्रकाशितहो गया।विज्ञापन में पचास हजार रिक्तियों की बात की गयी थी जबकि वास्तव में कुल पद सैंतालीस हजार थे।इन सैंतालीस हजार पदो को भी भरा नहीं जा सका है। कमीशन के मुताबिक दस हजार पदों के लिए योग्य प्रत्याशी हैं ही नहीं


।मंगलवार को प्रकाशित परीक्षाफल के मुताबिक कुल सफल प्रत्याशी की संख्या छत्तीस हजार ही है। अब उन्हें पर्सनालिटी टेस्ट के लिए बुलाया जायेगा।यानी सफल प्रत्याशियों में व्यक्तित्ववान योग्य प्रत्याशियों की कोज अभी कत्म नहीं हुई है।हद से हद तीस हजार लोगों की नौकरियां लगने की उम्मीद जतायी जा रही है।लेकिन पर्सनालिटी टेस्त का अंजाम क्या होगा,बोरोजगारों को यह चिंता सताने लगी है।किनारे लगकर भी जो डूबने लगी है नाव।






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