Wednesday, July 1, 2015

अब क्या बोलेंगे बिरंरिंची बाबा?मूडीज ने भारत में निवेश पर उठा दिये सवाल।मेकिंग इन खतरे में तो मंकी बातें? आपदाओं का सिलसिला जारी है और विकास का कहर सर चढ़कर बोल रहा है तो मनुष्यता और प्रकृति के साथ बलात्कार का सिलसिलामध्ये पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश के चलते हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 तक पहुंच गई है। पलाश विश्वास

अब क्या बोलेंगे बिरंरिंची बाबा?मूडीज ने भारत में  निवेश पर उठा दिये सवाल।मेकिंग इन खतरे में तो मंकी बातें?

आपदाओं का सिलसिला जारी है और विकास का कहर सर चढ़कर बोल रहा है तो मनुष्यता और प्रकृति के साथ बलात्कार का सिलसिलामध्ये पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश के चलते हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 तक पहुंच गई है।

पलाश विश्वास

दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड की फोटो। यह फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की गई है।

दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड की फोटो। यह फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की गई है।

यूनान की त्रासदी सर चढ़कर बोलने लगी है।साहित्य नहीं है यह और न थिएटर हैं।न सामाजिक यथार्थ हैंऔर न वोटबैंक की राजनीति है यह।राजन से लेकर जेटली का झूठ और बिरंरिंची बाबा के टाइटेनिक महाजिन्न अवतार का सच जगजाहिर है।


ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां एक-एक कर मोदी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रही हैं। जहां मंगलवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत सरकार के आर्थिक सुधारों की गति को कम बताते हुए कहा कि देश में ग्रामीण स्थिति बहुत ही कमजोर है, वहीं बुधवार को फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारत जीडीपी अनुमानित वृद्धि दर में कटौती करते हुए इसे 7.8 फीसदी कर दिया। फिच की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2015 में 7.8 फीसदी रह सकती है, हालांकि फिच का मानना है कि वृद्धि दर के लिहाज से भारत अभी भी चीन से आगे निकल सकता है।

ताजा खबर यह है कि यूनान का  कर्ज संकट  और गहरा गया है। ग्रीस ने आखिरकार डिफॉल्ट कर दिया। ग्रीस के वित्त मंत्री ने कहा है कि वो आईएमएफ को कर्ज का भुगतान नहीं कर पाएंगे। ग्रीस को आज आईएमएफ के 1.6 बिलियन यूरो देने थे। इधर ग्रीस के अधिकारियों का कहना है कि ईयू के साथ समझौते के लिए बातचीत चल रही है। अब नजर 5 जुलाई को होने वाले जनमत संग्रह पर है।


अधिकारियों का कहना है डिफाल्ट से बचने के लिए आखिरी समय में कोई समझौता हो सकता है। ग्रीस को डिफाल्ट से रोकने के लिए इस समझौते का होना जरूरी है। एथेंस और ईयू के बीच समझौते के लिए बातचीत जारी है।



जय हो बिररिंची बाबा।

बिररिंची बाबा की जै।


ललित मोदी के ताजा खुलासे से यह तो साफ जाहिर है कि गांधी परिवार का साझा चूल्हा बंटो नहीं है।वरुण गांधी परिवार का हिस्सा है और बाकी राजनीति है।सोनिया मइया भी खामोशी की वहीदा रहमान जैसी चुपचाप है तो महाजिन्न मौनी बाबा।वरुण भइया ने तो मान लिया कि मुलाकात हुई ठहरी।वैसे 375 के करोड़े के झटके से उबरने के लिए कांग्रेस ने जवाबी हमले तेज कर दिये हैं।


हम अब भी मानते हैं कि सुषमा या वसुंधरा के इस्तीफे से मसला हल नहीं होने वाला है।पूरा तालाब गंदा है।गंदगी की सारी मछलियों के चीन्ह लेने का अभूतपूर्व मौका है।बातें खुल रही है तो खुलने दीजिये और मजे भी लीजिये।


जै हो बिररंची बाबा की।

गोड़ लागि महाराज।


आगे किस्सा यह है कि वसुंधरा सु,मा के बचाव में मुश्तैद, ललित मोदी की ट्वीट के बाद उठे विवादों के बीच भाजपा ने सांसद वरुण गांधी का बचाव नहीं करने का फैसला किया है। पार्टी ने इसे वरुण गांधी का व्यक्तिगत मसला बताया है और कहा है कि सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी खुद अपनी सफाई दें। बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है। उनकी बहन का नाम लिया गया है। क्या अब तक कांग्रेस शासन में इस तरह से डील हुआ करती थी?


इसी बीच कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक नए मामले को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि विकीपीडिया के पेज पर देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, उनके पिता मोती लाल नेहरू और उनके पिता गंगाधर से जुड़ी जानकारियों को मोदी सरकार के एक हैकर के जरिए बदल दिया गया। इसमें नेहरू परिवार को मुसलमान बताने की कोशिश की गई। कांग्रेस ने इसके लिए सरकारी विभाग एनआईसी को जिम्मेदार ठहराया है।



आर्थिक संकट घनघोर हैं।जिस एळाईसी और एसबीआई की पूंजी के दम पर विनेवेश मूसलाधार है,वहां एळाईसी में कमीशनखोरी का खुलासा भी हो गया तो समझ लो भइया कि विनिवेश का खेल तमाशा कैसे खुल्ला खेल फर्ऱूखाबादी है और इस मेकिंग इन जलवे का आखिर सच क्या है।


बहरहाल राजन महाराज तो आधा सच कह रहे हैं कि सामने मंदी मूसलाधार है।1930 से भी घनघोर।पहला विकसित देश है यूनान जो दिवालिया हुई गयो।मुक्त बाजार का एइसन करिश्मा।बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी,अब यह देखना है।


बगुला आयोग के अध्यक्ष बोले हैं इस वैश्विक इशारों के गड़बड़झाले के बावजूदो के विकास दर आठ फीसद रहबे करें हैं और झाल बजाकर बगुला संप्रदाय का दावा है कि भारतीयअर्थव्यवस्था का कुछो नहीं बिगड़ने वाला है ताकि शेयर बाजार में लुटने पिटने के लिए तैयार रहे अस्मिता भेड़ धंसान जनगण गुलाम जनम जनम।जिन्हें भावनाओं में बहाना बाँए हाथ का खेल है जो दिमाग का इस्तेमाल तो करते ही नहीं हैं।इंद्रिया भी जिनकी विकल है।मैनफोर्स का जलवा है और इसीलिए चौसठ आसन का यह कार्निवाल और इसीलिए अर्थव्यवस्था का यह कार्निवाल।


अब इसका क्या कहिये कि बिररंची बाबा खामोश हैं तो दरबारी उछले हैं और छुट्टा हैं तमाम सांढ़ और घोड़े भी बेलगाम।


आपदाओं का सिलसिला जारी है और विकास का कहर सर चढ़कर बोल रहा है तो मनुष्यता और प्रकृति के साथ बलात्कार का सिलसिलामध्ये पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश के चलते हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 तक पहुंच गई है।


सोमवार से ही उत्तर बंगाल में भारी बारिश हो रही थी, जिसके कारण मंगलवार की रात जिले के कलिम्पोंग और मिरिक में कई स्थानों पर लैंडस्लाइड हुई। बताया जा रहा है कि दार्जिलिंग-सिक्किम को देश से जोड़ने वाले एनएच-55 पर लैंडस्लाइड के बाद भारी मलबा जमा हो गया है, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। नेशनल हाईवे और रेलवे के अधिकारी मलबा हटाकर रास्ते में फंसे टूरिस्टों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर रवाना हो गई हैं। लैंडस्लाइड में अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है।


ट्वॉय ट्रेन की सर्विस रोकी गई

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के असिस्टेंट इंजीनियर एस. शेखर ने बताया, ''मैरी विला के पास लैंडस्लाइड के कारण फिलहाल ट्वॉय ट्रेन की सर्विस को रोक दिया गया है। मंगलवार को चार ट्रेनों को कैंसल किया गया है। ट्रैक से मलबा हटाने में अभी दो दिन का और वक्त लग सकता है। पहले एनएच-55 से मलबा हटाकर इसे शुरू किया जाएगा। इसके बाद ट्रैक चालू होगा।''

लेह में फंसे 150 यात्री

जम्मू-कश्मीर में लेह एयरपोर्ट पर करीब 150 से ज्यादा यात्रियों के फंसने की खबर है। ये सभी यात्री दिल्ली आने के इंतजार में हैं। लेकिन गो एयरवेज की फ्लाइट आज लेह नहीं पहुंची। इस फ्लाइट को सुबह 5.15 बजे दिल्ली से रवाना होना था।


ग्रीस ने आखिरकार डिफॉल्ट कर दिया हैतो पेंशन पर लगाम


ग्रीस ने आखिरकार डिफॉल्ट कर दिया है। ग्रीस के वित्त मंत्री ने कहा है कि वो आईएमएफ को कर्ज का भुगतान नहीं कर पाएंगे। लेकिन ग्रीस के वित्त मंत्री ने भले ही कह दिया हो कि वो आईएमएफ के 1.6 अरब यूरो के कर्ज का भुगतान नहीं कर पाए लेकिन अभी भी डिफॉल्ट से बचने और यूरो जोन में बने रहने के लिए ग्रीस बातचीत में लगा हुआ है।


ग्रीस से इस संकट का बैंकिंग सेक्टर पर कैसा असर होगा, इस पर एसबीआई के पूर्व सीएमडी, प्रतीप चौधरी का कहना है कि ग्रीस के संकट का भारत के बैंकिंग सेक्टर पर कोई असर नहीं होगा। लेकिन प्रतीप चौधरी ने पेंशन खर्चों को लेकर आगाह जरूर किया है। उनका कहना है कि अगर पेंशन पर लगाम नहीं लगाई गई तो कुछ सालों बाद भारत में भी ग्रीस जैसे हालात बन सकते हैं। प्रतीप चौधरी ने ये भी कहा कि इस बार ग्रीस संकट के चलते 2008 जैसे हालात नहीं बने हैं लेकिन इस संकट से सबक लेने की जरूरत है।


वहीं सरकार का इस साल पीएसयू बैंकों में करीब 3 अरब डॉलर का निवेश करने का इरादा है। वहीं अगले कारोबारी साल में ये आंकड़ा 6 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। अगले 4 साल में एसबीआई को 45-65,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी और पीएनबी को 13-17,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। बैंक ऑफ बड़ौदा को 10-15,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी और बैंक ऑफ इंडिया को 20-25,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। केनरा बैंक को 18-22,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी।


प्रतीप चौधरी का कहना है कि सरकारी बैंकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी मिलना काफी फायदेमंद साबित होगा। वहीं पीएसयू बैंकों के एनपीए को लेकर चिंता जाहिर करते हुए प्रतीप चौधरी ने कहा कि बिजली बोर्डों से जुड़े कारोबार से बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी हो रही है। बिजली बोर्डों के हालात में जल्द सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है, साथ ही उन्होंने आगे एसएमई यूनिट में भी एनपीए में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई है।


प्रतीप चौधरी ने एक बार फिर आरबीआई को सीआरआर में कटौती की सलाह दी है और उन्होंने आरबीआई पर सरकार के साथ सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। प्रतीप चौधरी के मुताबिक जब तक होम लोन की ब्याज दरें 8-8.5 फीसदी तक नहीं आ जाती तब तक मांग में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। इसके अलावा ब्याज दरों में जब तक कमी नहीं होती तब तक एनपीए की दिक्कत कम नहीं होगी।


प्रतीप चौधरी ने आरबीआई को एक्सपोर्ट रिफाइनेंस की सुविधा को तुरंत शुरू करने की सलाह दी है। प्रतीप चौधरी का मानना है कि एक्सपोर्टर्स को रिफाइनेंस नहीं मिलने से एक्सपोर्ट की ग्रोथ में कमी हुई है।



डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत

इसी के मध्य सरकार 1 जुलाई को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट के तहत देश के हर घर को डिजिटल बनाने का सपना दिखा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है डिजिटल इंडिया से हमारी आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। लेकिन सवाल ये है कि ये प्रोजेक्ट पूरा कैसे होगा? क्या डिजिटल इंडिया के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा कहां से आएगा और क्या चुनौतियां सामने आ सकती हैं। आज यहां इस मुद्दे पर की जा रही है खास चर्चा।


1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया योजना का लॉन्च करेंगे। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भव्य आयोजन होगा जिसमें 10000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जिसमें से करीब 400 कॉरपोरेट्स हो सकते। खासतौर पर सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को डिजिटल इंडिया में शामिल होने का न्यौता दिया है।


डिजिटल इंडिया के तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक हफ्ते लंबा कार्यक्रम चलेगा। इसमें शामिल होने के लिए सरकार ने सभी बड़े उद्योगपतियों को न्यौता दिया है। ये उद्योगपति डिजिटल इंडिया पर अपनी निवेश योजनाओं की जानकारी देंगे। डिजिटल इंडिया वीक में आम लोगों की सुविधा के लिए कई ऑनलाइन सेवाओं का लॉन्च किया जाएगा। इस दौरान ऑनलाइन किताबों के लिए ई-बस्ता, दस्तावेज सेव करने के लिए ई-लॉकर, ई-हॉस्पिटल, विभिन्न शहरों में वाई-फाई और नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल का लॉन्च होगा।


डिजिटल इंडिया योजना के तहत पोस्ट ऑफिसों को कॉमन डिजिटल सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने और छोटे शहरों में भी बीपीओ खोलने की योजना है। मोदी सरकार चाहती है कि देश के हर नागरिक के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बने। शासन, सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराना सरकार का मकसद है। इस योजना के तहत भारतीयों को डिजिटली सशक्त करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए आईटी विभाग, टेलीकॉम, पोस्टल विभाग का काम जारी है। डिजिटल इंडिया वीक में बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। इनमें स्टरलाइट टेक्नोलॉजी के अनिल अग्रवाल, विप्रो चेयरमैन, अजीम प्रेमजी, लावा इंटरनेशनल के एमडी हरि ओम राय, हीरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के पवन मुंजाल और सुनील मित्तल, कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अंबानी, सायरस मिस्त्री, एयरबस के सीईओ पीटर गुटसमे शामिल होंगे। डिजिटल इंडिया पर सरकार 1.13 लाख करोड़ का निवेश करेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना में निजी क्षेत्र भी निवेश करेगा।


इसी बीच मीडिया की खब है कि  इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के कर्ज की करीब 11 हजार करोड़ रुपए की किश्त चुकाने की डेडलाइन खत्म होते ग्रीस ने 2.21 लाख करोड़ रुपए का नया कर्ज मांगा है। ग्रीस के प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक नए कर्ज से देश की आर्थिक जरूरतें पूरी होंगी और साथ-साथ कर्ज भी चुकाया जा सकेगा। यूरोपियन यूनियन के तहत आने वाले देशों के वित्त मंत्री ग्रीस की इस नई मांग पर विचार करने को तैयार हो गए हैं ताकि ग्रीस यूरोजोन में बरकरार रहे। इसी बीच, ग्रीस ऐसा देश बन गया है जिसने आईएमएफ के इतिहास में सबसे बड़ा कर्ज नहीं चुकाया है। उसकी हालत कंगाल और गृहयुद्ध झेल रहे अफ्रीकी देश सूडान से भी गई-गुजरी होती दिख रही है। सूडान पर आईएमएफ का 8843.8 करोड़ रुपए का कर्ज है जो उसने 1980 के दशक में लिया था।

...लेकिन आईएमएफ ने तकनीकी तौर पर नहीं माना डिफॉल्टर

कर्ज न चुका पाने वाला ग्रीस तकनीकी तौर पर अब भी डिफॉल्टर नहीं है। आईएमएफ ने ग्रीस के लिए 'ग्रीस इन एरियर्स' जैसी शब्दावली इस्तेमाल की है।

'ग्रीस में इस साल आएगी मंदी'

ग्रीस ने दो साल के लिए नया कर्ज मांगा है। यह बीते पांच साल में तीसरा मौका है, जब ग्रीस ने कर्ज मांगा है। रेटिंग एजेंसियों ने ग्रीस की रेटिंग घटाते हुए हुए अनुमान लगाया है कि इस साल यह देश मंदी की चपेट में आ जाएगा। हालांकि, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां ग्रीस को डिफॉल्टर नहीं मान रही हैं क्योंकि उसे कर्ज देने वाला आईएमएफ कॉमर्शियल कर्जदाता नहीं है।

जनमत संग्रह टालने पर विचार

ग्रीस की सत्ताधारी वामपंथी पार्टी सिरिजा के नेता कर्जदाताओं से नया कर्ज मांगने के बाद रविवार होने वाले जनमत संग्रह पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं। जनमत संग्रह में ग्रीस के लोग इस बात पर फैसला कर सकते हैं कि उनका देश कर्जदाताओं के उस ऑफर को स्वीकार करेगा या नहीं, जिसमें नए सिरे से कर्ज देने की बात कही गई थी। ग्रीस की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को लगता है कि उनकी सरकार की तरफ से नया कर्ज मांगने के बाद ज्यादातर लोग कर्ज के ऑफर को लेकर हां में ही जवाब देंगे। यही वजह है कि उनकी नजर में जनमत संग्रह की खास अहमियत नहीं रह गई है। जनमत संग्रह के नतीजे यह भी तय कर सकते हैं कि ग्रीस यूरोजोन में रहेगा या नहीं। यूरोजोन के तहत यूरोप के 19 देश आते हैं, जिनकी मुद्रा यूरो है। जर्मनी जैसा देश पहले ही कह चुका है कि जनमत संग्रह के नतीजे आने से पहले वह ग्रीस की मदद नहीं करेगा।

चीन को छोड़कर एशियाई बाजार संभले

ग्रीस संकट के बावजूद बुधवार को चीन को छोड़कर एशिया के अन्य शेयर बाजार कुछ हद तक संभल गए।



इसी बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंगलवार को मूडीज की तरफ से जारी रिपोर्ट ने केंद्र सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। रिपोर्ट में देश की मौजूदा ग्रामीण स्थिति को बहुत खराब बताया गया है। निवेश के लिहाज से भारत को बीएएए 3 की रेटिंग दी गई है। इसका मतलब है कि भारत निवेश के लिए सही जगह नहीं है। हालांकि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को अब भी संभावनाओं वाला माना है।


मूडीज की 'इनसाइड इंडिया रिपोर्ट' ने साफ तौर पर कहा है कि मोदी सरकार आर्थिक सुधार को लेकर अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ रही है, जो कुछ हद तक निराशा पैदा करता है। एक सर्वे के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में नीतिगत जड़ता की स्थिति से निराशा का माहौल बन रहा है। सर्वे में भाग लेने वाले आधे लोगों ने माना है कि सुधार की गति का मंद होना आर्थिक विकास की राह में सबसे बड़ी अड़चन है। बहुदलीय व्यवस्था और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र की वजह से कई बार नीतियों को लेकर त्वरित फैसला लेने में दिक्कत आती है, जबकि कई नीतियां भारत को मजबूत करने वाली हैं।


इसमें भारत की आर्थिक विकास दर के 7.5 फीसदी रहने के पुराने अनुमान को अभी भी बनाए रखा गया है। यह भी कहा गया है कि समूह 20 देशों में भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बना रहेगा। मूडीज ने कई अन्य एजेंसियों की तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उत्पन्न संकट की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मांग लगातार घट रही है। इसका मतलब है कि वहां आमदनी घट रही है। यह स्थिति चालू वर्ष के दौरान भी बनी रहेगी। अगर मानसून सामान्य नहीं रहता है तो स्थिति और बिगड़ सकती है।


सर्वे में शामिल 47 फीसदी ने सुधार की गति के धीमी होने को देश की अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती माना है। जबकि 38 फीसदी लोगों ने ढांचागत समस्याओं को दूसरी सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है। वहीं, एक अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। एजेंसी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है। फिच ने इससे पहले भारत की रफ्तार आठ फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था।


नभाटा की खबर है कि डियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी के सांसद वरुण गांधी के बारे में सनसनीखेज आरोप लगाए । मंगलवार देर रात ताबड़तोड़ ट्वीट करते हुए ललित मोदी ने दावा किया कि कुछ साल पहले वरुण गांधी लंदन में उनसे मिले थे और अपनी चाची (सोनिया गांधी) के जरिए सबकुछ ठीक कराने का भरोसा दिलाया था। ललित मोदी के मुताबिक, वरुण ने उन्हें इसके लिए इटली में रह रही सोनिया की बहन से मिलने को कहा था। वरुण ने इन आरोपों का खंडन किया।


आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ने अपने ट्वीट्स में लिखा है, 'इसके बाद एक कॉमन फ्रेंड के जरिये हमने उनसे (सोनिया की बहन) संपर्क किया। उस आंटी ने काम कराने के बदले छह करोड़ डॉलर (करीब 360 करोड़ रुपये) की मांग की। इस पर मैंने कहा भाड़ में जाओ। क्या वरुण इस तथ्य से इनकार कर सकते हैं? मुझे उम्मीद है वह इनकार करेंगे।'

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ललित मोदी ने आगे लिखा है, 'वह शायद इनकार करेंगे, लेकिन मैंने उनके समेत कांग्रेस, आईटी और ईडी के 'दलालों' से तमाम मुलाकातों का विडियो रिकॉर्ड बना रखा है।' उन्होंने वरुण से पूछा, 'जब वह लंदन के रिट्ज होटल में ठहरे हुए थे, तो क्या उनसे मिलने उनके घर पर नहीं आए थे? वरुण को दुनिया को बताना चाहिए कि उन्होंने अपनी चाची के बारे में क्या कहा था। एक विश्वविख्यात ज्योतिषी इसके गवाह हैं।'

सुषमा स्वराज और ललित मोदी (फाइल फोटो)


नभाटा की खबर है कि  ED के 'वॉन्टेड' ललित मोदी को ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज हासिल करने में सुषमा स्वराज की मदद के कुछ महीनों बाद ही विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल को पूर्व IPL कमिश्नर ने अपनी एक कंपनी इंडोफिल इंडस्ट्री में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पद की पेशकश की थी।


ललित मोदी ने एक ई-मेल में सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल को अपनी कंपनी में अपनी जगह डायरेक्टर पद देने के लिए कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ललित मोदी की यह पेशकश एक तरह से स्थाई किस्म की थी। हालांकि ललित मोदी के लिए सालों तक काम कर चुके स्वराज कौशल ने ललित मोदी के ऑफर को ठुकरा दिया था।


लेकिन कांग्रेस पार्टी का कहना है कि स्वराज कौशल को ललित मोदी की पेशकश विदेश मंत्री और पूर्व IPL कमिश्नर के बीच 'गैरवाजिब नजदीकी' थी।


BJP प्रवक्ता GVL नरसिम्हा राव ने टाइम्स नाउ चैनल से कहा, 'जब स्वराज कौशल ने इस पेशकश को ठुकरा दिया तो इसमें समस्या क्या है? स्वराज कौशल ने ललित मोदी के साथ अपने प्रोफेशनल रिश्तों को कभी छुपाया नहीं।'


वरुण गांधी ने ललित मोदी को आरोपों को खारिज किया

नभाटा की खबर है कि सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के आरोपों को निराधार बताया  है। वरुण ने कहा है कि संयोग से उनकी मुलाकात ललित मोदी से हुई थी, मगर उन्होंने किसी तरह की मदद का ऑफर नहीं दिया था। इस बीच खबर आई है कि बीजेपी ने वरुण से अपना बचाव खुद करने को कहा है।


रिपोर्ट्स के मुताबिक वरुण गांधी ने कहा कि तीन साल पहले ललित मोदी से उनकी मुलाकात हुई थी और उस वक्त भरतपुर के विधायक जगत सिंह भी उनके साथ थे। वरुण ने कहा कि किसी तरह की डील की बात नहीं हुई थी और यह मुलाकात 'संयोग' से हुई थी। उन्होंने कहा है कि ललित मोदी अपने ऊपर से ध्यान हटाने के लिए किसी का भी नाम ले रहे हैं।


गौरतलब है कि पूर्व आईपीएल चीफ ने मंगलवार को ट्वीट्स की झड़ी लेकर कहा था कि कुछ साल पहले वरुण गांधी ने उनसे मुलाकात की थी और अपनी चाची सोनिया गांधी की मदद से मामले को सुलझाने का ऑफर रखा था। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया है कि वरुण ने इसके बदले 6 करोड़ डॉलर की मांग की थी।


बताया जा रहा है कि वरुण लंदन में ललित मोदी के निवास पर मिले थे और यह मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड ने करवाई थी। वरुण के करीबियों का कहना है कि मामले में फंस रहे अपने दोस्तों से ध्यान हटाने के लिए ललित मोदी अब वरुण का नाम घसीट रहे हैं। उनका कहना है कि वरुण गांधी के सोनिया गांधी से इतने अच्छे रिश्ते नहीं है कि वह किसी के लिए उनसे मदद मांगने जाएंगे।


यह पहला मौका नहीं है जब ललित ने गांधी परिवार पर आरोप लगाए हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने ट्वीट करके बताया था कि पिछले साल प्रियंका वाड्रा ने अपने पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ उनसे मुलाकात की थी।


इस बीच कांग्रेस ने एक बार फिर इस मामले को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोल दिया है। खबरों के मुताबिक बीजेपी ने वरुण से साफ कह दिया है कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई खुद दें।


गोड़ लागि नागा बाबा विरिंचि बाबू!

बोलो,बिररिंचि बाबू की जै!

थूक थूक समुंदर ह।जित देख्यो तित थूक।थूकै से फुरसत नाही।थूक जुद्ध ह,जुरमाना न ह दिख्ये।मंकी बातें मतली हो गइलन। माफ कीजियो, सिल्की विद्याजी के स्वच्छता अभियानो अब मूत्रदान उत्सव ह।सार्वजनिक हगो परतिजोगिता ह।

I met Varun Gandhi in London, claims Lalit Modi in his new tweet

https://www.youtube.com/watch?v=KyLeAZIdl-A

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गोड़ लागि नागा बाबा विरिंचि बाबू!

बोलो,बिररिंचि बाबू की जै!


यूं तो बिरिंचि बाबू जैसा भद्र मैट्रिक पास 1942 के 1945 हमने कबहुं न देख्यो।हमारे बचपन की की धुंधली हो रही स्मृतियों में वे अब भी वैसे ही जिदा हैं,जैसे हुआ करते थे कभी।हम जानत रहे कि वो तो कबहुं मर खप गयो।कर्मफल सिद्धांत के राजकाज मा बिरिंचि बाबू ने अवतार ले लिहिस,ई समझ सके नाहिं।माफी दीजिये, बिररिंच बाबू।


गोड़ लागि नागा बाबा विरिंचि बाबू!

बोलो,बिररिंचि बाबू की जै!


उ जो विद्या बालन बाड़न।अरे वहीं जो छम्मक छल्लोहुी गयो सिल्क स्मिता के डर्टी पिक्चरमा।परसो सिरिदेवी आउर कमल हसन जलवा हुई रहे सदमा बिच और सिल्क दरशन भी हुई गयो।


वो सिल्की बालन रातोदिन शौचालय अभियान में लग गइलन। एइसन बिजि बाड़न की कहानी को बाद कौनो नई कहानी नइखे।


दुखवा कासे कहे,ससुरा जोर से,हुम, के जो गांव गांव दिशा दिशा चले स्वच्छता अभियान विशुद्धता के राजखाजामा,काकहि।


सार्वजनिक मूत्रदान निषेध बा।थूको तो जुरमाना लागे।


पण ससुरी राजनीति में मूत्र दान के सिवाय हो किया रिया ह ,समझ न सको।थूक थूक समुंदर ह।जित देख्यो तित थूक।थूकै से फुरसत नाही।थूक जुद्ध ह,जुरमाना न ह दिख्ये।मंकी बातें मतली हो गइलन।


माफ कीजियो सिल्की विद्याजी के स्वच्छता अभियानो अब मूत्रदान उत्सव ह।सार्वजनिक हगो परतिजोगिता ह।


बिररिंचि बाबा की जै।

पण पहले हगास के बारे में चरचा जरुरी बाड़न के राजनेता जौन ह,जइसन ह,सगरे बवासीर के मरीज दीख्ये।पिछवाड़े से खून टपकल।कोई स्टेफ्री का बंदोबस्त नाही।जो ह,स मैनफोर्स।


लंदन मा तोपखाना लगाये बैठो लंगटा बाबा एइसन कि दनदन गोली दागे रहिस आउर बवासीर के तमामो मरीज बिचारे जहां तिंहा हगि रहिस,का कहि,गंध के मारे जीना मुहाल।


पण गंध लागे नाही किसी को हमारे सिवाय।


देश तो बेचल बाड़न,जइसन सारे के सारे घोड़े बेचेके सुतल बाड़न।अब आंख कान नाक सगरे बिक गयो के जाने कि ओएक्सएल के फ्लिप कर्ट के स्नैपडील पर।इत्ते सारे स्ट्रटअप।

उमा फिन ग्रीक ट्रेजेडी ह।ई भी मेकिंग इन बा।मेकिंग इन ग्रीक ट्रेजेडी।हुड़।हुड़ हुड़ाके पूंजी घुसलल,हुड़ हुड़ाके चहुंदिसा सत्यानाश कयामत ढहाये हु़ड़के निकारे वास्ते पुरकश इंतजाम ग्रीक ट्रेजेडी।


उ ग्रीक ट्रेजेडी नाही जिस खातिऱ शेक्सपीअर बिन ग्रीक हुए महान बाड़न।उ गीरीक ट्रेजेडी भी नाही जो सोफोक्लीज लिखल बाड़न।थेटार वाले रंगोकर्मी तमाम परफर्म जो करें,उससे बड़का परफर्मर हैं महाजिन्न जो अंबानी अडाणी खरीदल ह।


जाहिरै बा,ई बाबी जिंदल वखते शत परतिशत हिंदुत्व एजंडा मध्ये अच्छे दिनों की मंकी ट्रेजेडी बाड़न।सरकार कहत रहिस कि पूंजी बाहर लिकलस ह।त पीएफ उएफ सगरे तो बाजार में झोंक दिहिस त शेयर धड़ाम धड़ाम तो मुनापावसूली भी जबरजंग।लूटखसोट के पूंजी फरार आउर ब्लू का कउन कउन शेड ह,पूछल रहिस ललित मोदी।कहत हो जो उखाड़ सको,उकाड़ लो।हम्माम में नंगे सारे अब जगजाहिर कर दिहिस।कोई कपड़ा उपड़ा नइखे।लाखो टके का सूट ईश्श्श पारद्रशी हुआ जाये,एइसन मानून मूसलाधार।लंदन से मेघदूत आ गइलन धकाधक कि टीवी अखबारों में बाढ़ अहा।


त बिररिंचि बाबू के किस्सा तनिको देर से सुनल चाहि।


हगिस बाबा का किस्सा ह एको।झोली जो खुल घइल,न जाने कितने किस्सा निकल जइहें।


त हमार बजपन मा एको लंगटा साधू भी रहलन।उ नदी किनाकरे आशरम ताने रहिस।


लंगटा घूम रहिस नगा बाबा जइसन।त्रिशुल धरि के शाहज्यू के तरजे के हिंदुत्व बिरगेड के साधु संतो जइसन।


त हमार एक बीरु दादा रहले बाड़न।शोले वाला बारु दादा नइखे।भौते सीरियस।भौते सीनियर।


हमारे बचपन मा रिफ्यूजी बिरादरी में रोहितास्व मल्लिक के बादो वो ग्रेजुएट बाड़न।


शादी उनकी हुई रहि कानपुर मा।भौजी वो ऐमएै बाड़न।


हम उनर बारात मा न रहले के हम भौते छोटे बाड़न।


हमारे बड़े भाई सुधारंजन राहा आउर तमामो एजुकेटेड बिरादरी बारात लेइ दिनेशपुर से रवानगी किये रहिस।सुधादा की जुबानी य किस्सा बताउन।


खास बात यह के लंगटा साधु बीरु दादा के मामा रहलन बाड़ा।

उ रहे ईस्टबेंगल के बरिशाल जिले से आये रिफ्यूजी।

मातुल नइखे तो विवाह नइखे।


लुंगी उंगी कछु बांदल के लैंग्टा मातुल चढ़ गइलन बाराती संग बसवा मा।बस हिचकोले मारी विकासदर जइसन उछले उछले चल रहिस के लंगटा साधु जोर से चीख्योः हागुम।


मतबल के पैखाना क गरज आहे। तुरत पारिग हुआ चाहे।ट्रिकलिंग ट्रिकलिंग हगिस तो न हुइबे करै जइसन की समावेशी विकास आउर समरसता की समता।समरसता का सामाजिक न्याय।

वो बिचारे लंगटा साधु हिंदी न जान रहिस जइसन ललित मोदी हिंदी न रहे हो।अंग्रेजी उ जो पेले धकाधक,ठीक वइसन ही लंगटा साधु पूरबी बंगाल के सुंदरवन वाकी जुबान बोले रहिस।


हमार बड़भाई तमामो समझ गइलन त का,ड्राइवर कंडक्टर ना बूझल बाड़न। पूछ लीन्हे,का हुई गयो।


तो हमार जो बड़ाका भाई रहलन सभै,वो भी कम सुसरे बदमाश ना रहिस जइसन जेटली उ डाउ कैमिकसल्स के वकील कहलन बाड़न,जइसन एमएपफ कहलन ह,जइसन वर्ल्ड बैंक रेटिंग एजंसी  हाके रहल,तेज तेज।आउरो तेज।ऴइसन वे ससुरे हांके रहे।


अब आगे का किस्सा समझ जाई।

दसों दिशाओं मा अब मूत्रदान और हगिस की बरखा बहार ह।


बिरिंची बाबू का किस्सा थोड़ा अलग है।वे विभाजन के शिकार अछूत रिफ्यूजी थे।तराई के बंगाली सिख पंजाबी देसी शरणार्थी साझा चूल्हे के संसार में उनकी बड़ इज्जत थी।


साझा था परिवार।जमीन भी साझा।पढ़े लिखे विरिंची बाबू से खेती के कामकाज कहे नहीं कोई।


उनकी अंग्रेजी भी धुआंधार थी।

पण कोई जोड़ीदार न था उनका।

बीवी थी अपढ़।


बाकी जनता मुंह ताके उनके दरशन को कृतार्थ।

हम बच्चे जो तनिको होशियार समझे जाते थे,वे बिरंची बाबू को बड़े प्यारे थे।हुलस हुलस के अंग्रेजी वे हांके।बगिया से आम अमरुद तोड़े जैसे हम उनसे दो चार अंग्रेजी के लफ्ज कह दें तो वे हुलसकर दिलो दिमाग का दरवज्जा खोल दें।


हमारे चाचाजी छोटो काका डाक्टर थे और मिलिट्री से वापस थे।सफेद झकाझक ड्रेस पिहनते थे और पढ़ते थे तमाम अंग्रेजी लिटरेचर।किताबें उनकी अनाथ पड़ी रहतीं तो हम बीच में उठाकर पढ़ते रहे।अंग्रेजी पढ़ने लिखने बोलने का शौक ऐसा कि ढोर डंगर के साथ संवाद का सिलसिला शुरु हुआ।बिररिंची बाबू जाहिर बा कि हमें भी बाबू बाबू कहत रहि।


भूल गये थे वे सारे किस्से।

ललितासन के माहौल में दिमाग की बत्ती जल उठी तो दफ्तर में अपने गुरुजी के मुंह धोते हुए बारंबार सर पर पानी डालने का योगाभ्यास देख आधी रात के बाद यक ब यक बिररिंची बाबू प्रगट हो गइलन।


बिरिंची बाबू को गरमी बहुत लगती थी या वे बंगाल की गरमियों में गोरों की हरकत की नकल उतारे रहे कहना मुश्किल है।

जहां देखो,तहां तराई में जाड़े से मोसम में धुंध और कड़कड़ाती सर्दी के मौसम में बी वे नदी के बीचोंबीच खड़े या नाले में या तालाब पोखर पर सिर पर पानी डालते थे।


घर गाव आते जाते रहे वे बेधड़क तो सीधे नलके पर पहुंचते और फिर वही सर पर जलप्रपात।


गरमियों में बिररिंची बाबू पूरे कपड़े उतारकर लंगटा साधु के बराबर आदमजाद नंगे घूमते थे और सबतो कंबोदित मंकी बातें करते थे।


बच्चे स्त्री पुरुष नौजवान बूढ़े सबकी नजर में वे बेहद सम्मानीय रहे  जइसन अडाणी अंबानी के महाजिन्न।


वे पूरे कपड़े उतारकर मंकी बातें करते रहे और जनता सुनती रही।कभी किसीने नहीं पूछा,बिरंची बाबू,आपके कपड़े कहां हैं।


गोड़ लागि नागा बाबा विरिंचि बाबू!

बोलो,बिररिंचि बाबू की जै!


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